इस वीकेंड में दिल्ली के लिए छोटी सी ट्रिप प्लान कर लीजिए। क्योकि हर बार यहाँ अमृत उद्यान को आम लोगों के लिए खोला जाता है जो यह किसी थीम पर आधारित होता है, इस बार आकर्षण का केंद्र ट्यूलिप से सजा थीम गार्डन रहने वाले है। सबसे खास बात यह है कि थीम गार्डन के साथ अमृत उद्यान और सिग्नेचर उद्यान भी इस बार की थीम है। अमृत उद्यान किसी भी पहचान का मोहताज नहीं है।
अमृत उद्यान आज 2 फरवरी से दिल्ली में फिर से खुलने जा रहा है और 31 मार्च तक खुला रहेगा। 15 एकड़ में फैले इस अमृत उद्यान में आपको कई किस्म के फूल देखने को मिलेंगे। और आमतौर पर देखने को नहीं मिलते। यहां टैक्टाइल गार्डन, बोनसाई गार्डन, आरोग्य वन, बाल वाटिका और आध्यात्मिक उद्यान भी तैयार किए गए हैं। बगीचों के अलावा, आगंतुक राष्ट्रपति भवन और उसके आसपास की वनस्पतियों और जीवों की प्रदर्शनियां भी देख सकते हैं। बता दें अमृत उद्यान को पहले मुगल गार्डन के नाम से भी जाना जाता था।
इस बार पौधो को इस तरह से लगाया गया है कि सुबह सूरज की पहली किरण पड़ने से लेकर जब शाम ढलेगी, तब तक पौधे खिलने का सिलसिला जारी रहेगा। आप किसी भी वक्त चले जाइए, खिले हुए ट्यूलिप आपको देखने को मिलेंगे। अमृत उद्यान आने के लिए अभी तक 50 हजार से अधिक लोग बुकिंग करा चुके हैं। विशेष बात यह है कि मेट्रो से आने वाले नागरिकों की सुविधा के लिए मुफ्त शटल सेवा की केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से राष्ट्रपति भवन तक चलाई जाएगी।
बता दें कि अमृत उद्यान का इतिहास जितना पुराना है, उतनी ही पुरानी उसकी चर्चा है। इसे पहले मुगल गार्डन कहा जाता था, लेकिन इसका नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया। इसके लिए एक कहानी ये भी है कि लुटियंस जोन का निर्माण करने वाले सर लुटियंस की पत्नी ने जब पहली बार इस उद्यान को देखा था तो वह इसे धरती का स्वर्ग खाने से खुद को रोक नहीं पाईं। यही वजह है कि 15 एकड़ में फैले अमृत उद्यान को राष्ट्रपति भवन की आत्मा भी कहा जाता है।
अमृत उद्यान में एक शीशम का एक पेड़ भी है जो 225 साल पुराना है। वह भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। लॉन्ग गार्डन से अमृत उद्यान की शुरुआत शुरुआत होती है और फिर आप पहुंचाते हैं सर्कुलर गार्डन, जहां पर आपको ट्यूलिप की अलग-अलग प्रजातियां देखने को मिलेगी। लाल, पीले, कल, हरे और नीले रंग के गुलाब लोगों को काफी आकर्षित करते हैं। ओर अमृत उद्यान में आप प्रकृति के सौंदर्य को देख सकते हैं।