क्यों बढ़ रहे हैं दुनिया में हार्ट अटैक के मामले!

Nandani Goswami
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आज कल लाइफस्टाइल में बदलाव के असर लोगों की सेहत पर भी पड़ने लगा है। लोगों के बीच फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव और अवसाद में बढ़ोत्तरी और खराब खानपान की आदतें भी बढ़ी हैं। साल 2023 के आंकड़ों से पता चल रहा है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। खासकर युवाओं में इन दिनों हार्ट अटैक के कई मामले देखने को मिल रहे हैं।

पिछले एक साल में हृदय रोग और हार्ट अटैक के मामलों ने भारतीयों को खौफ से भर दिया हैं। खानपान की बदलती आदतें और काम के बढ़ते प्रेशर का असर अब आपकी सेहत पर भी असर पड़ने लगा है। इन दिनों छोटी उम्र में ही लोग कई तरह की बीमारियों और समस्याओं का शिकार हो रहे हैं। जिसकी वजहसे भारत में छोटी उम्रके बच्चो से ले कर बड़ी उम्र के लोगो तक ने हार्ट अटैक से अपनी जान गंवाई हैं। भारत ही नहीं कोरोना के बाद एकाएक बढ़ी दिल की बीमारियों ने पूरी दुनिया को चिंताओं से भर दिया। भरता में पिछले 1 साल में हार्ट अटैक के मामलों ने भारतीय लोगों के मन में खौफ पैदा कर दिया है। ऐसे में प्रश्न यह है कि आखिर देश में युवाओं को ऐसा क्या हो गया कि उन्हें कम उम्र में हार्ट अटैक का सामना करना पड़ा रहा है।

युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों पर डॉक्टर का कहना है की बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में हार्ट की समस्याओं के केस सामने आ रहे हैं। और हार्ट से जुड़ा ये मसला चिंताजनक होता जा रहा है। आज जो भी हम देख रहे हैं, वह लाइफस्टाइल, गलत जानकारी और लापरवाही की वजह से हो रहा है।

छोटी उम्रके बच्चो से ले कर बड़ी उम्र के लोगो तक ने हार्ट अटैक से अपनी जान गंवाई

भारत में कोविड के बाद बढ़े वर्क फ्रॉम होम कल्चर भी इसका अहम कारण है। कोविड ने हमारे काम करने की आदत में काफी बदलाव किया है, जिसकी वजह से हमारी लाइफस्टाइल में भी बदलाव आ गया है। साथ ही में तनाव और अवसाद में बढ़ोत्तरी और खराब खानपान की आदतें भी बढ़ा दी हैं। साल 2023 की संख्या को देखते हुऐ पता चलता है कि भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ साल में विशेषतौर पर कोरोना महामारी के बाद हार्ट अटैक के मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही कई रिसर्च में भी कोविड और हार्ट संबंधी दिक्कतों के बीच कनेक्शन की बात सामने आ चुकी है।

एनसीआरबी की नवीनतम ‘भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या’ रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि 2022 में दिल के दौरे से 32 हजार लोगों की मौत हुई, जो पिछले वर्ष जो पिछले वर्ष दर्ज की गई 28 हजार मौतों से काफी बड़ा आंकड़ा है। डॉक्टर का कहना है कि इनमें ज्यादा नमक वाला आहार, धूम्रपान, नींद न आने के कारण देश में लोगों के बीच हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। इसके अलावा लोग मोटापे का भी शिकार हो रहे हें जो हार्ट अटैक की एक बड़ी वजह हो सकती है।

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डॉक्टर्स ने हार्ट अटैक के मामले को ध्यान में रखते हुए बताया हे की कैसे हम हार्ट अटैक से बच सकते हैं। जैसेकि अपनी डाइट में पोषण से भरपूर आहार वाली चीजों को शामिल करें,शराब और धूम्रपान के सेवन करने से बचें, मासा हारी की जगह हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें,वजन को कंट्रोल में रखें,नियमित व्यायाम की आदत डालें साथ की मेडिकल जांच, ब्लड टेस्ट, इको स्कैन और ट्रेडमिल टेस्ट करवाइये जो अच्छे विकल्प हैं।

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मिलिए नंदनी गोस्वामी से, जो एक गतिशील व्यक्ति हैं और अपने क्षेत्र में लहरें पैदा कर रही हैं। मनोरंजन, फैशन, स्वास्थ्य, राजनीति, यात्रा आदि के जुनून के साथ, मैं नवाचार को सबसे आगे लाने के लिए रचनात्मकता के साथ विशेषज्ञता को जोड़ती हूं। कई उद्योगों में अग्रणी, उत्कृष्टता के प्रति उनके समर्पण ने ध्यान और प्रशंसा अर्जित की है।
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