फास्ट फूड खाने वाले सावधान, हो सकता है मेंटल डिसऑर्डर का खतरा

Nandani Goswami
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रिसर्च द्वारा बताया गया हे की अल्ट्रा प्रोसेस्ड स्वास्थ्यके लिए हानिकारक हैं और यह फूड के सेवन से डिप्रेशन का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है. इस तरह का खाना पचाने में शरीर को काफी समय लगता है. ये खाना पेट में सडकर एसिडिटी और मोटापे जैसी कई समस्या पैदा कर सकता है. एक रिसर्च द्वारा बताया गया हे कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के सेवन से डिप्रेशन का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है.अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स को कॉस्मेटिक फूड्स के नाम से भी जाना जाता है.अमेरिकी NGO सेपियन लैब्स ने ग्लोबल लेवल पर सर्वे किया है.इसमें अलग अलग 26 देशों के आयु वर्ग के 3 लाख लोगों को शामिल किया गया. जिसमे भारत के करीब 30 हजार लोगों को इस सर्वे में शामिल किया गया.इस रिसर्च में पाया गया हे कि ऐसे लोग जो दिनभर में कई बार अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स खाते हैं, उन लोगो में मानसिक समस्याएं ज्यादा पाई जाती हैं.

मेंटल डिसऑर्डर का खतरा

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स में केक पेस्ट्री, नूडल्स, कैंडी, चिप्स जैसी चीजें शामिल होती है. इनमें कई अधिक तत्व शामिल किये जाते हैं और ऐसी कई चीजों में अधिक हेरफेर भी किए जाते हैं। जैसे कोल्ड ड्रिंक्स, चिप्स, चॉकलेट, कैंडी, आइसक्रीम, पैकेज्ड सूप, चिकन नगेट्स, हॉटडॉग, फ्राइज़ और बहुत कुछ हैं। ऐसे फूड्स को ही अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड कहते हैं.जो शरीर को काफी नुकसान करती हैं। और इससे कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.18 से 25 साल वालों में इसका खतरा ज्यादातर देखा गया है.क्योंकि इस उम्र के लोग ही ऐसा खाना ज्यादातर खाते हैं.

लेन ने एक बयान में कहा, “सबसे कम मात्रा में भोजन करने वालों की तुलना में सबसे अधिक अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन खाने वाले ऑस्ट्रेलियाई लोगों में गिराव का जोखिम लगभग 23 प्रतिशत अधिक था.” अध्ययन में ऐसे लोग शामिल थे जो शुरू में अवसाद और चिंता के लिए कोई दवा नहीं ले रहे थे और 15 वर्षों से अधिक समय तक इसका पालन कर रहे थें। और यह भी कहा हे लेन ने कि जबकि अध्ययन इस बात का प्रमाण नहीं था कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड भोजन आवश्यक रूप से अवसाद का कारण बनता है, यह दर्शाता है कि अधिक अति-संसाधित भोजन खाने से अवसाद का खतरा बढ़ जाता है.

हो सकता है मेंटल डिसऑर्डर का खतरा

यह चीज में एक्सपर्ट का कहना हे की अल्ट्रा प्रोस्सेड फूड डिप्रेशन को बढ़ाने का काम करता है और ये फूड्स हमारे डिमाग और शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे मूड स्विंग्स और डिप्रेशन जैसी मेंटल समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए कहा जाता हे की फ्रेश फ्रूट्स, सब्जियां, दही, दालें, नट्स जैसी चीजो का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. इनमें ओमेगा इनमें ओमेगा फैटी-3 एसिड और विटामिन ई जैसे तत्व होते हैं जो ब्रेन को ऑब्सेसिव स्ट्रेस से बचाने का काम करते हैं.

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मिलिए नंदनी गोस्वामी से, जो एक गतिशील व्यक्ति हैं और अपने क्षेत्र में लहरें पैदा कर रही हैं। मनोरंजन, फैशन, स्वास्थ्य, राजनीति, यात्रा आदि के जुनून के साथ, मैं नवाचार को सबसे आगे लाने के लिए रचनात्मकता के साथ विशेषज्ञता को जोड़ती हूं। कई उद्योगों में अग्रणी, उत्कृष्टता के प्रति उनके समर्पण ने ध्यान और प्रशंसा अर्जित की है।
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