भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा की अयोध्या में पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। अयोध्या राम मंदिर में भगवान ‘रामलला’ की जो नई मूर्ती स्थापित हो रही है। उस मूर्ती की पहली झलक सामने आ गई है। जिसमे मधुर मुस्कान के साथ माथे तिलक लगाए रामलला नजर आ रहे हैं।
जब आप रामलला को देखेंगे तो आप सूक्ष्म हो जाएंगे। रोम-रोम में भावुकता जाग उठेगी और तन-मन में एक अलग सा एहसास हो रहा होगा। खुशी भी बेहद होगी। बता दें कि रामलला की नई मूर्ती भ्रमण के बाद मंदिर में प्रवेश कराकर गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले रामलला के अलौकिक मुख को पीले वस्त्र से ढका गया था। और इस मूर्ति को वैदिक मंत्रोचार के बीच गर्भ गृह में रखा गया हैं।
रामलला की मूर्ती कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा विधी 16 जनवरी से प्रारंभ हो चुकी है। 16 जनवरी से लेकर 21 जनवरी तक प्राण प्रतिष्ठा से संबन्धित अलग-अलग तरह की पूजा की जाएगी। इस दौरान बड़े कड़े पवित्र नियमों का ध्यान रखा जा रहा है। इस मूर्ति को काले पत्थर से तैयार किया गया है। यह प्यारी रामलला की मूर्ति को मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई हैं। यह मूर्ति 51 इंच की और वजन 150 से 200 किलो है। केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनाने वाले प्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज अरुण ही हैं।वह कर्णाटक के मैसूर के रहने वाले हैं। ‘रामलला’ की मूर्ति तराशने के लिए तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा तीन मूर्तिकारों को चुना गया था। उन तीन मूर्तिकारों में योगीराज अरुण भी मौजूद थे।
‘प्रधान संकल्प’ ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा द्वारा किये गए इस संकल्प की भावना यह है कि भगवान राम की ‘प्रतिष्ठा’ सभी के कल्याण के लिए हैं, राष्ट्र के, मानवता के,और उन लोगों के कल्याण के लिए भी की जा रही है जिन्होंने इस कार्य में अपना योगदान दिया है इसके अलावा अन्य अनुष्ठान भी आयोजित किए गए तथा ब्राह्मणों को वस्त्र भी दिए गए।
अयोध्या में रामलला की जो मूर्ती दशकों से पूजी जा रही थी, वो मूर्ती गर्भगृह में ही स्थापित की जाएगी और रोजाना पूजन होगा। बता दें कि, रामलला की यही वो मूर्ती है जो तकरार के चलते तंबू में रखनी पड़ी। रामलला सालों से तंबू में रहे। लोग अयोध्या जाते थे तो रामलला की इसी मूर्ती का दर्शन करते थे। लेकिन अब ये रामलला अपने शानदार महल में विराजेंगे।