सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को 1 जनवरी 2024 से और 5 साल के लिए बढ़ा दिया है। इस योजना के अधीन देश में 81 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पांच किलोग्राम अनाज मुफ्त दिया जाता है। अंत्योदय परिवारों को प्रतिमाह 35 किलोग्राम अनाज मुफ्त प्रदान प्राप्य कराया जाता है। मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचित किया कि इस ऐतिहासिक फैसले से यह परियोजना विश्व की सबसे बड़ी समाज कल्याण योजनाओं में शामिल हो जाएगी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का गंतव्य और 5 वर्ष तक 11.80 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से अन्न और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने से देश भर में एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड के अंतर्गत पोर्टेबिलिटी का एक समान परिपालन सुनिश्चित होगा अथवा विकल्प-आधारित यह प्लेटफॉर्म और मजबूत होगा जिसे योजना की मुद्दत बढ़ने से इस पर होने वाले खर्च में भी बढ़ाई होगी।
सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इस योजना के वास्ते 2.13 लाख करोड़ रुपए की रकम आरक्षित की है। चालू वित्त वर्ष के शुरूआती नौ महीनों में यानी अप्रैल से दिसम्बर 2023 के दौरान इस योजना के तहत 553 लाख टन से अधिक अनाज का बंटवारा किया गया जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 550 लाख टन से कुछ ज्यादा का बंटवारा हुआ था। वित्त वर्ष 2024-25 में यह रकम गिरकर 2.05 लाख करोड़ रुपए पर सिमटने का अनुमान है।
केन्द्रीय पूल में अनाज का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध रहने से सरकार को इस योजना के तहत वितरण का काम जारी रखने में आसानी हो रही है लेकिन राजकोष पर भारी दबाव पड़ रहा है। वैसे गेहूं का स्टॉक कम हो कर पिछले 7 साल के नीचे स्तर पर आ गया है मगर अप्रैल से इसकी सरकारी खरीदी स्टार्ट हो जाएगी। चावल का फिलहाल पर्याप्त स्टॉक है और सरकार इसका दाम घटाने का हर शक्य हो शके उतना प्रयास भी कर रही है।