भारत सरकार द्वारा समय-समय पर बहुत-सी योजनाओं की शुरुआत की जाती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य देश के नागरिको को लाभ और सुविधा प्रदान करना हैं। योजनाओं के माध्यम से सरकार देश के ग्राम्य नागरिको को आर्थिक मदद प्रदान करती है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आता है और उनकी आमदनी में भी वृद्धि होती है। इसी प्रकार केंद्र सरकार द्वारा 12 नवंबर 2020 को प्रधानमंत्री ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ की शुरुआत की गई थी।
सरकार ने देश के सभी युवाओं को काम के अवसर प्रदान करने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आत्मनिर्भर भारत कार्य योजना शुरू की है। आपको बता दें कि आत्मनिर्भर भारत रोजगार अभियान से देश के सभी युवा और संगठित क्षेत्र के कर्मियों को फायदा होगा। इस ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ के अंतर्गत देश के युवा वर्ग को लाभान्वित किया जाएगा। और इस योजना के तहत बेरोजगार लोगों को रोजगार प्रदान किए जाएंगे जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा और साथ ही देश की अर्थव्यवस्था भी सुधरेगी।
रोजगार सृजन लक्ष्य 2024
दिसंबर 2020 में शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना ने सरकार द्वारा निर्धारित औपचारिक रोजगार सृजन लक्ष्य को पार कर लिया है। इस योजना ने 7.51 मिलियन नौकरियां पैदा की हैं, जो शुरुआती लक्ष्य 5.85 मिलियन से 25% ज्यादा है। यह योजना अक्टूबर 2020 और मार्च 2022 के बीच 1,000 कर्मचारियों तक वाले उद्यमों में सरकार द्वारा बनाई गई नई औपचारिक नौकरियों पर लागू होती है, जिसमें कर्मचारियों को उनके वेतन का 24% हिस्सा मिलता है। यह योजना केवल ₹15,000 से कम आमदनी वाले कर्मचारियों पर लागू होती है। सरकार ने 2024 तक इस योजना के तहत ₹22,810 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है। 31 मई, 2022 तक, 0.31 मिलियन प्रतिष्ठानों ने 7.51 मिलियन नए कर्मचारियों को पंजीकृत किया है, जिसमें सरकार ₹5,409.61 करोड़ खर्च कर रही है।
इस योजना से लगभग 7.1 मिलियन कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं। सरकार ने वर्ष 2020-21 में योजना के कार्यान्वयन के लिए ₹1,000 करोड़ का बजट आवंटित किया, जिसमें से ₹405 करोड़ खर्च किए गए। वर्ष 2021-22 के बजट में इस योजना के लिए 3,130 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। सरकार की योजना 2022-23 तक इस योजना के तहत कुल ₹6,400 खर्च करने की है।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और उनके जीवन को सरल बनाया जा सकेगा देश के सभी नागरिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनेंगे साथ ही इस योजना के अधीन उन लोगों को भी रोजगार प्रदान किया जाएगा जिनका रोजगार कोरोना महामारी की वजह से चला गया था। इस योजना के लागू होने से निस्संदेह अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन आएगा और हम एक बार फिर विकसित अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ेंगे। यह योजना निस्संदेह रोजगार सृजन में सकारात्मक योगदान देगी।
प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना की विशेषताएं
- प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना का लाभ 2 वर्ष तक प्रदान किया जायेगा।
- ऐसे कर्मचारी जिनका मासिक तनख़्वाह 15,000 रूपये से कम हैं उन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभ दिया जायेगा।
- इस योजना के तहत उन कर्मचारियों को उनके वेतन का 12% सरकार द्वारा भविष्य निधि में जमा किया जाएगा जो 1000 से अधिक कर्मचारियों की क्षमता वाली संस्थाओं में कार्यरत हैं।
- इस योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए ईपीएफओ के तहत रजिस्टर्ड होना अनिवार्य है।
- जिन संस्थानों मेंएक ह़जार से कम कर्मचारी हैं उन संस्थानों के कर्मचारियों कोउनके वेतन के हिस्से का 12% और संस्था के हिस्से का 12% टोटल 24% भविष्यनिधि में जमा किया जाएगा।
- इस योजना के अधीन संस्था और कर्मचारियों दोनों को लाभ प्रदान किया जाएगा।
आधिकारिक वेबसाइट :- www.epfindia.gov.in,
आधिकारिक वेबसाइट:- aatmanirbharbharat.mygov.in