नागरिको के कल्याण के लिए सरकार द्वारा समय समय पर नई नई योजनाएं लागू की जाती है जिनका लक्ष्य जनता को लाभ और सुविधा प्रदान करना होता है जैसा कि आप सभी जानते हैं की मानव के जीवन में शिक्षा का कितनी अहमियत है यदि मनुष्य को सही शिक्षा प्राप्त हो तो वह आसमान की ऊंचाइयों तक पहुँच सकता है पर अगर शिक्षा की गुणवत्ता में कमी हो तो वह व्यक्ति को निष्फल बना देती है।
भारत में नगर-निवासी को शिक्षा इनायत करने के लिए अनेक स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले गए हैं,जिनसे शिक्षा प्राप्त करके विद्यार्थी अपने जीवन को कामयाब बना सकते हैं। जिसमे “नई शिक्षा नीति 2024” राष्ट्र के शैक्षिक प्रक्षेप पथ में एक परिवर्तनशील कदम का प्रतीक है। आधुनिक युग की गतिशील आवश्यकताओं को निवेदन करते हुए, यह नीति समग्र शिक्षा,डिजिटल साक्षरता और कौशल विकास पर नए सिरे से जोर देती है। स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा के लिए नीति की तैयारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दायरे में आती है, जिसे भारत सरकार ने 2024 में अद्यतन किया। नई नीति में भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं।
नई शिक्षा नीति 2024 का मुख्य आकर्षण इसकी मजबूत रूपरेखा है, जो विभिन्न पृष्ठभूमि के विविध शिक्षार्थियों को पूरा करती है। स्थानीय मूल्यों में निहित वैश्विक नागरिकों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करके, नई शिक्षा नीति 2024 का लक्ष्य भारत के शैक्षणिक परिदृश्य को नया आकार देना और सभी के लिए एक उज्जवल, अधिक समावेशी भविष्य सुनिश्चित करना है।
वही अभी शिक्षा मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा पॉलिसी लागू की गई जिसके अधीन शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाएगा और नई शिक्षा पॉलिसी में 10+2 के पैटर्न की जगह अब 5+3+3+4 संरचना नई शिक्षा नीति 2024 में पेश किया गया एक नया शैक्षणिक ढांचा है , जिसका उद्देश्य शिक्षार्थियों की बढ़ती जरूरतों के अनुरूप पारंपरिक शिक्षण प्रणाली को बदलना और अनुकूलित करना है। यह मूलभूत शिक्षा, मध्य विद्यालयी शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और उच्च विद्यालय चरणों पर जोर देता है। इस प्रणाली का लक्ष्य एक समग्र शैक्षणिक वातावरण बनाना है।
नई शिक्षा नीति को शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और पारदर्शिता लाने के लिए लागू किया गया है क्योंकि भारत सरकार भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना चाहती हैं। DIKSHA जैसे तकनीक-संचालित प्लेटफार्मों को शामिल करने से सुलभ गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित होती है। नई शिक्षा नीति 2024 सामाजिक-आर्थिक या भौतिक बाधाओं के बावजूद, सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।चिकित्सा और कानून की पढ़ाई को छोड़कर, 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% सकल नामांकन अनुपात हासिल करने के लिए प्रीस्कूल से माध्यमिक विद्यालय तक की शिक्षा को सार्वभौमिक बनाया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 का उद्देश्य
सरकार ने नई शिक्षा पॉलिसी 2024 के अधीन पुरानी शिक्षा पॉलिसी में कई संशोधन लागू किए हैं, जिसका लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना और बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने में क़ाबिल बनाना है। जिससे भारत वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके। इस पॉलिसी के जरिये शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाएगा और अच्छी शिक्षा प्राप्त करके देश के नागरिक ज्ञानी बनेंगे जिससे भारत के प्रत्येक क्षेत्र पर इसका प्रभाव पड़ेगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 की विशेषताएँ
- मनुष्य संसाधन प्रबंधन मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा का सार्वभौमीकरण।
5+3+3+4 का नया शिक्षा पैटर्न। (12 साल की स्कूली शिक्षा और 3 साल की प्री-स्कूलिंग)
व्यावसायिक परीक्षण इंटर्नशिप छठी कक्षा से शुरू होगी।
कक्षा V तक की शिक्षा मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई जाएगी।
कोई विज्ञान, वाणिज्य या कला स्ट्रीम नहीं – छात्र कोई भी विषय चुन सकते हैं।
पाँचवी तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी।
छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाई गई।
प्रत्येक स्कूलों को डिजिटल रूप से सुसज्जित किया जाएगा।
ई-सामग्री का क्षेत्रीय भाषा में अनुवाद किया जाएगा।
वर्चुअल लैब का विकास।
नई शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक जिले में उच्च शिक्षण संस्थानों का निर्माण कराया जाएगा।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा जीडीपी के 6% हिस्से को खर्च किया जाएगा।