पहले के मुकाबले से अब महिलाएं खेती में ज्यादा योगदान दे रही हैं। टेक्नोलॉजी के बिंदु में खेती में भी महिलाएं अब पुरुषों से पीछे नहीं है। खेती में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए सरकार कई तरह-तरह की योजनाएं चला रही है। इन्हीं में से एक है ‘ड्रोन दीदी योजना’ इस योजना का उद्देश्य महिला किसानों की आय बढ़ाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 नवंबर को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की थी। ये योजना पिछले साल लॉन्च की गई थी। इस योजना के अधीन केंद्र सरकार 15,000 स्वयं सहाय समूहों को ड्रोन खरीदने में सहायता करेगी जो महिलाओं किसानों की कमाई का जरिया होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट पेश करते हुए ड्रोन दीदी योजना के लिए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने इस योजना के लिए आवंटन में ढाई गुने की बढ़ोतरी की है। सरकार से यह योजना को 500 करोड़ रुपये मिले हैं। इस योजना का फोकस महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। और महिलाएं तो सशक्त हो ही रही हैं,साथ ही उनका परिवार भी आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है। खेती-किसानी में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़े इसके लिए सरकार भी अपनी तरफ से कई योजनाएं लॉन्च कर रही है। लखपति दीदी योजना भी ऐसे ही कोशिश का भाग थी।
ड्रोन दीदी योजना की शुरूआत का उद्देश्य फसलों को कीटनाशक से बचाना है। किसी भी फसल में अचानक बीमारी आ जाने के कारण स्प्रे करना असंभव होता था। अब इस ड्रोन तकनीक से एक बार में काफी बड़े एरिया में छिड़काव किया जा सकेगा। और कीटनाशकों के छिड़काव में सहायता मिलेगी। इससे दवा और समय दोनों की बचत होगी। साथी इस योजना के तहत महिलाओं को करीब 15 दिन की ट्रेनिंग दी जाएगी। ड्रोन पायलट और सह-पायलट को हर महीने ड्रोन उड़ाने के लिए निश्चित राशि मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा महिलाओं को ड्रोन खरीदने पर उसके क़ीमत का 80 फ़ीसदी या अधिकतम 8 लाख रुपये दिए जाएंगे।
सरकार का लक्ष्य अगले 3 साल में 10 लाख महिलाओं को ड्रोन उड़ाने और कृषि में ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित करना है। और सरकार ड्रोन के लिए प्रशिक्षण केंद्रों, मरम्मत केंद्रों और चार्जिंग स्टेशनों का भी निर्माण करेगी।